Friday, January 12, 2018

इंतज़ार🌻 की 🌻आरज़ू🌻 अब 🌻खो🌻 गयी 🌻है,🌻
खामोशियो 🌻की 🌻आदत🌻 हो 🌻गयी🌻 है,🌻
न 🌻सीकवा 🌻रहा 🌻न 🌻शिकायत 🌻किसी🌻 से,🌻
अगर 🌻है 🌻तो 🌻एक🌻 मोहब्बत,🌻
जो 🌻इन 🌻तन्हाइयों🌻 से 🌻हो🌻 गई🌻 है..!🌻

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